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मुट्ठी बांध हम आए थे,
खोल के हाथ जाना होगा,
निष्फल स्वार्थी दुनिया से,
आखिर क्या ले जाना होगा।।
सीमा सूद ✍️ स्वरचित रचना
दोराहा (जिला लुधियाना)
खोल के हाथ जाना होगा,
निष्फल स्वार्थी दुनिया से,
आखिर क्या ले जाना होगा।।
सीमा सूद ✍️ स्वरचित रचना
दोराहा (जिला लुधियाना)
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