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महफ़िल में रंग जमाने आए थे
हमें कुदरत ने बक्शी इनायत,
हम उसे कायनात बनाने आए थे,
लेकर कलम का सहारा,
दुनिया को दिखाने आए थे।।
सीमा सूद ✍️ स्वरचित रचना
दोराहा (जिला लुधियाना)
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