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ख्वाब हम देखते नहीं है,
दिखाती है जिंदगी,
सुख की चाहत रखने वालों को,
क्यों दुखों का दर्पण दिखाती है जिंदगी।।
सीमा सूद ✍️ स्वरचित रचना
दोराहा (जिला लुधियाना)
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