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जिंदगी की सच्चाई से,
तुम कैसे पूछा छोड़आओगे,
मौत तो होती है निश्चित,
तुम कैसेेे इसे रोक पाओगे।।
सीमा सूद ✍️ स्वरचित रचना
दोराहा (जिलाा लुधियाना)
तुम कैसे पूछा छोड़आओगे,
मौत तो होती है निश्चित,
तुम कैसेेे इसे रोक पाओगे।।
सीमा सूद ✍️ स्वरचित रचना
दोराहा (जिलाा लुधियाना)
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