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हम जो चले
हम जो चले, शब्द संग संग चल पड़े,
कागज और कलम से, हम दोस्ती कर चले,
पहनाया है हमने, शब्दों को जामा प्यार का,
सुनसान सी गलियों में भी, साथी बन चले,
प्यार हमसे कितना, अब कहा ना जाएगा,
हमारे दिल की वादियों में, बुलंद अपनी हस्ती कर चले,
सोचने से पहले ही, छाप अपनी छोड़ देते हैं,
कागज पर छपने से पहले ही, दिल में जगह बना लेते हैं,
एहसान कितने इनके, यह जिताया ना जाएगा,
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