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घुटनों के बल, हमें चलाती है जिंदगी,
बचपन से ही तो, यह पाठ पढ़ाती जिंदगी,
हम ही अनजान रह जाते हैं, उन रास्तों से,
हर पल, हर लम्हे से, रूबरू कराती है जिंदगी।।
सीमा सूद ✍️ स्वरचित रचना
दोराहा जिला लुधियाना।।छ
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