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धैर्य की जोत, तुम अपने मन में जगा लो,
काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार,
से तुम अपना पीछा छुड़ा लो,
प्रस्तुतियों का मुकाबला तुम हंसते-हंसते कर लो,
मेहनत, सेवा भाव से तुम अपनी झोली भर लो,
सादगी का जीवन व्यतीत तुम करना,
सदैव सत्य के मार्ग पर तुम चलना,
धैर्य ही गुणकारी बनेगा,
मुश्किलों में भी तुम्हारे साथ चल पड़ेगा।।
सीमा सूद ✍️ स्वरचित रचना
दोराहा जिला लुधियाना।।
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