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दबे पांव मुसीबतें चली आती है,
दस्तक हमारी जिंदगी पर,
हर रोज दे कर जाती है,
कोई समझा दे उनको,
कोई तो बतला दे उनको,
हम अब डर नहीं सकते,
हार तो मान नहीं सकते,
झुकना इनको पड़ेगा,
हम तो अब झुक नहीं सकते,
सारी उम्र, कबजा इन्होंने किया है,
हमें संभालने के लिए,
वक्त कहां दिया है,
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