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पिस्तौल की छह गोलियों…
पहली गोली कहती है-
मेरी नाम बुद्धि,
मैं इंसान को चलाती हूँ।
दूसरी गोली कहती है-
मेरी नाम ज्ञान,
मैं इंसान को पढ़ाती हूँ।
तीसरी गोली कहती है-
मेरी नाम तर्क,
मैं इंसान की सोच हूँ।
चौथी गोली कहती है-
मेरी नाम स्मृति,
मैं इंसान की प्राप्ति हूँ।
पांचवी गोली कहती है-
मेरी नाम अनुशासन,
मैं इंसान का बंधन हूँ।
छठी गोली कहती है-
मेरी नाम भक्ति,
मैं इंसान की विजय हूँ।
मेरा कलम का नाम पिस्तौल…
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