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स्कूल का नाम
लोगों को नहीं पता।
पता है सिर्फ
घर का नाम।
'कालू',
सब मिल के बुलाते हैं।
कालीचरण मुख़र्जी,
चूहे को भी नहीं पता।
जो नाम पता है,
वह आता है काम पे।
जो नाम पता नहीं है,
वह जाता है पानी में।
कालू को जब बुलाओ,
तुरंत आ जाता है।
घर का आदमी,
घर का ही है।
घर में पढ़ो,
मत जाओ बाहर।
स्कूल बनाओ घर पर।
हर घर एक मंदिर है।
हर घर में
अगर एक कालू रहता है,
तो हर घर का दुःख मर जायेगा।
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