
Share0 Bookmarks 68 Reads1 Likes
एक ही देश
एक ही मनुष्य
एक ही भाषा
एक ही मान
एक ही मानवता
दो आँखें एक ही चीज़ एक साथ में देखती हैं
तो क्यों करती हैं अंतर
नाक लंबी इसलिए
एक ही धर्म
एक ही भूमि
एक ही नदी
एक ही परमात्मा
एक ही मानवता
दो कंधों एक साथ काम पे आता हैं
तो क्यों अलग वज़न उठाता हैं
छाती छोटी इसलिए
एक ही ज्ञान
एक ही भक्ति
एक ही चिंता
एक ही समृद्धि
एक ही मानवता
दो पैर एक साथ चलता हैं
तो क्यों एक साथ कदम नहीं उठाता
कमर दर्द इसलिए।
़
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments