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मैं उड़ रहा हूँ पतंग की तरह,
आकाश में।
धागा उनके हाथ में।
मैं हवा में रहूँ
या सूरज की रोशनी में
या बारिश में....
सिर्फ उनको पता है।
उड़ना काम है मेरा।
उड़ता हूँ मैं।
हवा में फट सकता हूँ।
रोशनी में जल सकता हूँ।
बारिश में भीग सकता हूँ।
सिर्फ उनको सब कुछ पता है,
मुझे कुछ नहीं...
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