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पहले लालच होता है।
पैसा देख के या रूप देख के या मान देख के।
उसे पाने के लिए जन्म लेती है मंशा।
उसके जैसा मेरा भी होना चाहिए।
अगर मिल गया, तो बनता है अनुराग।
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पहले लालच होता है।
पैसा देख के या रूप देख के या मान देख के।
उसे पाने के लिए जन्म लेती है मंशा।
उसके जैसा मेरा भी होना चाहिए।
अगर मिल गया, तो बनता है अनुराग।
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