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अपनी भावनाएं को लिखने के लिए
सिर्फ मन की भाषा की ज़रूरत है
कोई देश की भाषा की ज़रूरत नहीं।
मन की भाषा सभी देशों में एक जैसी होती है-
देशों के नाम अलग हैं,
देशों की भाषाएं अलग हैं-
लेकिन भा
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