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दिन की शुरुआत हुई सिर पे एक आफत लेते हुए
मुझे आज तुम्हारा ख्याल आया हैं बाल बनाते हुए
शायद मैं जीतेजी नहीं सीख पाऊंगा ये अदाकारी
की तुमसे बात भी करनी होती हैं तुम्हें देखते हुए
वो कैसे धोका दे सकता हैं फ़ूल जैसी लड़की को<
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