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रंग मुहब्बत के

Saurabh PatelSaurabh Patel March 2, 2023
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दिन की शुरुआत हुई सिर पे एक आफत लेते हुए

मुझे आज तुम्हारा ख्याल आया हैं बाल बनाते हुए


शायद मैं जीतेजी नहीं सीख पाऊंगा ये अदाकारी

की तुमसे बात भी करनी होती हैं तुम्हें देखते हुए


वो कैसे धोका दे सकता हैं फ़ूल जैसी लड़की को

जो शाम कांटता हैं मुरझाए फूलों को चूमते हुए


तुम्हें ये घर प्यारा नहीं या मेरा साथ प्यारा नहीं

खुश रहने की जुर्रत वो भी मेरे साथ रहते हुए


चलो में निकलता हूं मुझे ज़रा देरी हो रही हैं

उससे मिलने जाना हैं खुद को घर पे छोड़ते हुए।

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