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हे मातृभूमि हे भारतमाता,
चरणों में नमन स्वीकार करो।
स्वातंत्र्य पुष्प श्रद्धा सुमन,
अर्पित हैं कल्याण करो।
तेरे वीर सपूतों ने पलटी सदा,
हो आधीन जो नियति।
स्वाधीनता समर में हो अमर,
दी प्राणों की आहुति।
सोये गए जो तेरी गोद में माँ,
उनपे आशीष का हाँथ धरो।
हे मातृभूमि हे भारतमाता,
चरणों में नमन स्वीकार करो ।
किरीट हिमालय मस्तक धर,
कर लिए ज्ञान प्रदीप्त प्रखर।
साहस सिंह आरूढ़ अजर,
परिष्कृत प्रगल्भा परिपूर्ण अमर।
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