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रोटी-
___
वह नभस्पर्शी इमारत
वे अथक अविराम चरण
ईंट के ढेले कंधे
रक्त सिंचित तन स्वेद संयुक्त;
पेट की लालसा:भूंख भंजन
रोटी: एक सवाल?
रोटी ही सिंहासन-राजन
रोटी ही रंक-भिक्षु-अभिवादन
जीवन— रोटी, रोटी, रोटी....
जयति रोटी.......।
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