
Share0 Bookmarks 197 Reads2 Likes
पिता का रोना
बहुत गहरा होता है।
वास्तव में,
उनका रोना
सृष्टि में दुर्लभ है;
क्योंकि वह हर बार
आंशु आने से पहले
आंख पोंछ लेता है।
पिता का रोना -
बांध का टूटना है
नदी के बल से।
-
- सत्यव्रत रजक
#स्वरचित_पंक्तियां
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments