Share1 Bookmarks 42970 Reads1 Likes
एक यात्रा सफ़र मे,
मैनें देखा ऐसी युवती,
थी तो वह नवविवाहित,
कुछ थोड़े से गहनों से सुसज्जित,
श्वेत वस्त्र धारण किये,
प्रेम प्रसाद हाथ में लिये,
पति प्रेम में रंग चुकी थी,
एक नन्हीं सी जान जन चुकी थी,
मैने देखा, वह धीरे-धीरे पाँव हिला रही थी,
क्यूँकी अपने कुलदीपक को सुला रही थी,
वहीं थोडी दूर पर बगल में,
पति रहा बसा उसे नयनों में,&
मैनें देखा ऐसी युवती,
थी तो वह नवविवाहित,
कुछ थोड़े से गहनों से सुसज्जित,
श्वेत वस्त्र धारण किये,
प्रेम प्रसाद हाथ में लिये,
पति प्रेम में रंग चुकी थी,
एक नन्हीं सी जान जन चुकी थी,
मैने देखा, वह धीरे-धीरे पाँव हिला रही थी,
क्यूँकी अपने कुलदीपक को सुला रही थी,
वहीं थोडी दूर पर बगल में,
पति रहा बसा उसे नयनों में,&
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments