माँ's image
Share0 Bookmarks 12 Reads0 Likes

टुकड़ों-टुकड़ों में बटी

थक हार कर,

मैं काम से

जब

घर वापिस आती हूँ

तो एक मासूम सी

आवाज़ आती है

जो …”माँ” कहती है …

और मैं …फिर से …

पहले सी

जुड़ जाती हूँ।


सरिता डांगी

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts