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सुंदर सुंदर पुष्प खिले हैं

आंगन आंगन शहनाई है

विपदा कितनी निष्ठुर है

इसे नआना था तब आई है


दिल का दौरा माली को, 

और पुष्प हुआ विह्वल लाचार, 

धरती को कुछ समझ न आया,&nb

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