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सुंदर सुंदर पुष्प खिले हैं
आंगन आंगन शहनाई है
विपदा कितनी निष्ठुर है
इसे नआना था तब आई है
दिल का दौरा माली को,
और पुष्प हुआ विह्वल लाचार,
धरती को कुछ समझ न आया,
क्यूं वक्त ने की निठुराई है।
पीड़ा-खुशियां दो सामां है,
मिलते हैं साझे में सबको,
जिसकी करनी सुंदर खुशियां,
बदसूरत ; पीड़ा पाई है।
✍️ Saritaom
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