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ग़ज़ल



नहीं तुमको बदलना चाहते हैं ख़ुश रहो तुम।

वज़ह कोई न बनना चाहते हैं ख़ुश रहो तुम।


तुम्हारी जिंदगी है तुम जिओ जैसे भी चाहो,

ज़रा हम भी संवरना चाहते हैं ख़ुश रहो तुम।


मिटाई आज तक खुशियां सभी खातिर तुम्हारे,

खुशी क्या है समझना चाहते हैं ख़ुश रहो तुम।


फिज़ाओं से उड़े खुशबू महक चारों तरफ हो,

सुनो, आजाद उड़ना चाहते हैं ख़ुश

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