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कोई भी हर्फ लिखूं नाम तेरा हीं आए
मेरी शाम ढल के रूमानी शब बन जाए
इल्तज़ा यही की तुझे खुश रखूं हमेशा
मैं सूखा दरख़्त और तू बारिश बन जाए
मेरे और तेरे मोहब्बत में फर्क है कुछ
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