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तक़दीर मेरे संग द्वन्द्ध अपनाए बैठी है
मेरा आकाश छूने का प्रण है,
और ये मुझे जमीन पर जमाए बैठी है..
मेरा आकाश छूने का प्रण है,
और ये मुझे जमीन पर जमाए बैठी है..
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