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कहीं पे उस रास्ते के मोड़ पर खड़ा मिलूंगा मै
जहां कभी हम एक हुआ करते थे ,
उस जगह पे तनहा भटकता मिलूंगा मै
जहां कभी तुम्हारे साथ लम्हें कट जाते थे ,
उसी पेड़ के छाव में बेकसी में डूबा मिलूंगा मै
जहां हम घंटो
जहां कभी हम एक हुआ करते थे ,
उस जगह पे तनहा भटकता मिलूंगा मै
जहां कभी तुम्हारे साथ लम्हें कट जाते थे ,
उसी पेड़ के छाव में बेकसी में डूबा मिलूंगा मै
जहां हम घंटो
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