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गुरु होता है सरस्वती मां की वीणा,
जो खुद समाए हैं अपने अंदर ज्ञान का भंडार,
जो करा देते हैं विद्यार्थियों का बेड़ा पार,
जिनके अंदर होतीं है शक्तियां अपार,
जो करते हैं शिक्षा का प्रसार,
ऐसे गुरूओं को मिलेंगी दुआएं हज़ार,
जो देते हैं हमें शिक्षा रुपी अमूल्य उपहार।
- संजू कुमारी
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