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तेरा मुझसे मिलाना सिर्फ एक इत्तेफाक नहीं था
एक उम्र खर्च की है मैंने तुझे पाने में
यु तो और भी थे हसीन बहोत ज़माने में मगर
मारे गए हम फ़क़त तेरे मुस्कुराने में
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