ये साल ऐसे गुजरा's image
Share0 Bookmarks 31705 Reads1 Likes

घरों, फैक्टरियों के लटके तालों में गुजरा,

मीलों चलते पांवों के छालों में गुजरा।


इंसान से इंसानियत बिछड़ती चली गयी,

ये साल इस बार कई सालों में गुजरा।


किसान फसल की लागत को तरसता रहा,

पैसा नफ़े नुकसान

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts