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आसमां के न रहे, जमीं के न रहे,
तुझसे बिछड़ के हम कहीं के न रहे।
उम्र भर बदलते रहे शहर दर शहर,
जहाँ अपना घर था, वहीं के न रहे।
सबको
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आसमां के न रहे, जमीं के न रहे,
तुझसे बिछड़ के हम कहीं के न रहे।
उम्र भर बदलते रहे शहर दर शहर,
जहाँ अपना घर था, वहीं के न रहे।
सबको
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