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पुरुषों ने प्रेम को भौतिक समझा,
स्त्रियों ने समझा रसायनिकी,
समाज समझता रहा राजनीति,
और परिजन सांख्यिकी।
प्रेम इतिहास का वो अध्याय है,
जिसमें वर्णित है सामयिकी,
प्रेम समझने से पहले,
समझनी होगी मानविकी।
-संजू
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