Share0 Bookmarks 47597 Reads1 Likes
तुमसे बिछड़कर मैंने बनाया,
कविताओं को अपनी नियति।
और लिखता रहा रात दिन,
तुम्हारी यादों की संहति।
तुम पढ़ोगे त
No posts
No posts
No posts
No posts
तुमसे बिछड़कर मैंने बनाया,
कविताओं को अपनी नियति।
और लिखता रहा रात दिन,
तुम्हारी यादों की संहति।
तुम पढ़ोगे त
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments