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सुनो, मैं तुम्हें कुछ वक़्त के लिए
भूल जाऊँ तो चलेगा न।
मैं अभी जरा व्यस्त हूँ अपना,
जीवन पटरी पर लाने में,
अपनों की खुशियों की खातिर,
कुछ कागज के टुकड़े कमाने में,
कुछ दर्द का मर्ज तलाशने में,
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