अब की तेरी ज़बापे मेरा नाम भी न था's image
Love PoetryPoetry1 min read

अब की तेरी ज़बापे मेरा नाम भी न था

Sanjay LadeSanjay Lade February 17, 2022
Share0 Bookmarks 25 Reads1 Likes

अब की तेरी ज़बापे मेरा नाम भी न था

क्योंकी तुझे मुझसे कोई काम भी न था

एक तेरे नाममे मेरा सब कुछ बसा था

और तेरे सब कुछ में मेरा नाम भी न था

खंडहरों के बीच मे तन्हा खड़ा था मैं<

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts