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गाँव की लड़कियाँ जब भी प्रेम करती है
वो प्रेम मात्र नहीं होता है
उसमे होता है
ललकार - समाज को
दुत्कार - रिवाज को
बगावत - परिवार से
जब वो बड़ी हो रही होती है
वो भी घूमना चाहती है
अपने गाँव से दूर
किसी अनजान शहर में
किसी अपने के साथ।
वो भी चाहती है खत लिखना
किसी को बगैर बताये
और चाहती है कि
पन्नों में ओझल पत्र
ठिकाने प
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