भुखमरी's image

पुकारती वसुंधरा 

जग करो हरा भरा 

खीचो धारियाँ खेत में 

हल को चलाइये ।


अनाज को उगाकर 

खेतो को लहराकर 

भूखी अतङियो तक 

अन्न पहुचाइये ।


बढ रही भुखमरी 

संवेदना गयी धरी 

सीमित कर जन को 

अंक ना बढाइये ।


विकट बङा काल है 

बेहाल हुआ हाल है 

रूठी बैठी मानवता 

थोङा तो मनाइये ।


✍ संगीता राजपूत 'श्यामा '

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