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समय ने ली थी  करवट, अचानक ऐसे
दस्तक तूफान ने, दी हो, शांत नीर में ,अचानक जैसे
नियति का चक्रव्यूह था ,शायद वो
क्योंकि ना समझ पाए कि
रुख हवा का पलटा, अचानक कैसे

हालात थे नहीं हमारे इख्तियार में तब
हाथ में आती समय की रफ़्तार  ,  जब तक 
रेत की तरह फिसल गया था सब,  तब तक

जाना, बस इतना हमने
था, समय ऐसा कुछ
नहीं था, किसी के वश में कुछ
बहाव बयार का था, ऐसा कुछ 
बहा ले गया अतिशय कुछ

नहीं,  हमारे बीच, आज आप
पर यादों में हमारी, आबाद है आप
बन तो गए है ,सितारे आप  , 
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