झूठ के आगे झूठ है, झूठ के पीछे झूठ है,
झूठ के नीचे झूठ है, झूठ के ऊपर झूठ है।
सुन रे, मति संसार की ऐसी फिरी है आज,
फेक (fake) की ढ़ेरी ख़रीद रहा, सच को दे रहा फेंक।
-संदीप गुप्ता SandySoil
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