रहोगे झूठ में डूबे तो,
मीठे लगोगे सभी को।
रहोगे सच के लिबास में तो,
मुमकिन है,
चाशनी भी लिपटने से मुकर जाए।
-संदीप गुप्ता SandySoil
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