रोटी जली,
रसोईये ने कहा,
तवा बदल दो।
रोटी फिर जली,
आटा बदल दो।
पानी बदल दो।
चूल्हा बदल दो।
रोटी फिर जली...
जलती रही...
किसी की हिम्मत न हुई,
कहने की,
रसोईया बदल दो।
~संदीप
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