मुझे लौटना नहीं आता था।
गाँव से शहर आने के बाद,
मैं शहर में ही अटका रहा।
काश! मैं शहर से गाँव आया होता,
और वहीं अटक गया होता।
-संदीप गुप्ता SandySoil
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