
Share0 Bookmarks 95 Reads1 Likes
तेरे मुस्कुराने की वजह हज़ार होंगी,
मेरे मुस्कुराने की वजह है सिर्फ एक।
पेट भर खा लेता हूँ जब भी,
ख़ुशी से चेहरा,
खिल उठता है,
अनायास।
उस 'श्रम योगी' ने,
अपनी पहली कविता लिखी।
मुस्कुराए बिना,
फिर,
वो सो गया।
-संदीप गुप्ता SandeySoil
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments