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खमोशियों से दोस्ती इस क़दर न कर लेना,
कि दस्तक-ए-सहर भी सुनाई ना दे।
माना कि अंधेरों का ये सफ़र है लम्बा,
अंधेरों से दोस्ती इस क़दर न कर लेना,
कि शुआ-ए-सहर भी दिखाई ना दे।
*शुआ-ए-सहर - सुबह की किरण, उषा किरण, ray of morning
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