
Share0 Bookmarks 167 Reads2 Likes
टिकेगा नहीं अब ये अँधेरा यहाँ,
मैने रोशनियों को तरकश में देखा है कहीं।
चीर अंधेरे का सीना,
तीर रोशनियों के अब बढ़ेंगे आगे,
ता-उम्र, सितम अंधेरों के झेले हैं तूने,
रोशनियों के दिन, तेरे अब दूर नहीं।
~संदीप गुप्ता SandySoil
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments