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मैने अभी-अभी कुछ कहा,
तूने सुना?
हाँ सुना।
पर मुझे क्यूँ ऐसा लगा,
कि तूने,
वो नहीं सुना
जो मैने कहा?
कान मेरे,
इंद्रियाँ मेरी,
तेरी मैं सुनूँ,
या सुन कर,
दूसरे कान से निकाल दूँ,
तुझे क्या?
अधमी!
तुझे तो मैं,
सगा मान बैठा था,
बेगाना कहीं का!
-संदीप गुप्ता SandySoil
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