इश्क़ कर चाहे, जैसे तू है समंदर,
इश्क़ कर चाहे, जैसे तू है क़लन्दर,
इश्क़ तेरा है, कर जी चाहे जैसे,
ख़यालों से अपने, पर, बेदख़ल मुझे ना कर।
-संदीप गुप्ता SandySoil
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