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तीर-ए-तरकश लिए खड़ा है तैयार तू, जानता हूँ,
मानता हूँ तेरा हुनर,ए वक्त,निशानेबाज़।
इस बार चूक गया होता निशाना गर,तो अच्छा होता।
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तीर-ए-तरकश लिए खड़ा है तैयार तू, जानता हूँ,
मानता हूँ तेरा हुनर,ए वक्त,निशानेबाज़।
इस बार चूक गया होता निशाना गर,तो अच्छा होता।
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