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सुनहरे अक्षरों में, एक लम्बा ख़त मैने उसे लिखा,
इतर में लपेटा और लिफ़ाफ़े में प्यार से रखा,
नाम और पता लिख एक चुम्बन ख़त को जड़ा,
और लिहाफ़ के नीचे सहेज कर रख लिया।
तुम पूछोगे कि ईमेल, फेसबुक के ज़माने में
भला मैने उसे ख़त क्यों लिखा?
लॉक-डाउन है, फ़ुर्सत के दिन हैं,
२० साल पहले की, उससे आखिरी मुलाक़ात को,
लॉक-डाउन के बहाने मैने बस याद कर लिया।
-संदीप गुप्ता SandySoil
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