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दौर-ए-तूफ़ान है, आँधियाँ तो चलेंगी ही,
जो पूछे वो ख़ैरियत तेरी, ताली बजा देना,
जो पूछे वो क़ुव्वत तेरी, इक दिया जला देना,
गुज़र जाएँगे ये तूफ़ाँ भी, थोड़ा सब्र रख,
तूफ़ानों को करने दे तू काम अपना,
बा-हिम्मत, रख़्त-ए-ज़िंदगी तू ज़ारी रख।
*रख़्त-ए-ज़िंदगी - जीवन का सफ़र, journey of life
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