चेहरे पे उनके रहती है रौनक़ आजकल,
गली से उनकी,
हमारा गुज़रना जो होता है आजकल।
*एक पुलिस वाले की शायरी (कोरोना लॉक-डाउन के दौरान)
-संदीप गुप्ता SandySoil
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