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नौकरी वो हसीन महबूबा है,
जिसे पाने के लिए,
बेरोज़गार प्रेमी जद्दोजहद करते हैं।
कभी दर दर की ठोकर खाते हैं,
कभी धूप में सुलगते हैं।
वो ना मिले तो ग़मगीन हो कर
तडपते हैं।
और जब वो मिल जाती है,
तो उसके गुलाम बन जाते हैं।
~सम्रिता®
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